जिंदगी के इस सफर में आगे ही बढते रह गए| बचपन गया ,खुशियाँ गईं...हम सफर करते रह गए| कुछ तोड़ते कुछ जोड़ते......कुछ याद करते ,भूलते सपने नए रचते गए... पंक्ति में बढते गए| पॉव विह्वल हो गए,मन अस्थिर हो गया फख़त आदत के मारे ऐ जिंदगी... हम फिर भी सफर में ही रहे! #poem #life #nojoto #nojotohindi #quotes #poetry