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वक़्त को वक़्त से पहले गुज़रते हुए देखा है, मैंने नदि

वक़्त को वक़्त से पहले गुज़रते हुए देखा है,
मैंने नदियों को समंदर से लड़ते हुए देखा है।।

बड़ी बड़ी लहरों को भी,लांघते हुए देखा जिन्हें,
उन कश्तियों को किनारे पर डूबते हुए देखा है।।

एक खौफ सा हो जाता सिर्फ नाम से जिनके,
उन बड़े बड़े तूफानों को रोते हुए देखा है।।

साथ देता न जब भी,कोई अपना इस जहाँ में,
मैंने अँधेरे में भी परछाई को, साथ चलते देखा है।।

मैंने चाँद को मौसम सा बदलते हुए देखा है,
मैंने सूरज को बर्फ सा पिघलते हुए देखा है।

मैंने चिरागों को आँधियों में जलते हुए देखा है,
मैंने कश्तियों को किनारे पर डूबते हुए देखा है।।
- आर्यावर्त वेद प्रकाश
 #NojotoQuote follow me guys Akshita Jangid(poetess) Aahna Verma Nishanth Gauthama Shweta Kumari Priyanka Jain
वक़्त को वक़्त से पहले गुज़रते हुए देखा है,
मैंने नदियों को समंदर से लड़ते हुए देखा है।।

बड़ी बड़ी लहरों को भी,लांघते हुए देखा जिन्हें,
उन कश्तियों को किनारे पर डूबते हुए देखा है।।

एक खौफ सा हो जाता सिर्फ नाम से जिनके,
उन बड़े बड़े तूफानों को रोते हुए देखा है।।

साथ देता न जब भी,कोई अपना इस जहाँ में,
मैंने अँधेरे में भी परछाई को, साथ चलते देखा है।।

मैंने चाँद को मौसम सा बदलते हुए देखा है,
मैंने सूरज को बर्फ सा पिघलते हुए देखा है।

मैंने चिरागों को आँधियों में जलते हुए देखा है,
मैंने कश्तियों को किनारे पर डूबते हुए देखा है।।
- आर्यावर्त वेद प्रकाश
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