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....................................... शीषर्क

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    शीषर्क 👉 वह तो पागल था?
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दुःखी हूँ, थोड़ा सा सुना नहीं पाया,
शब्दो के भावों को समझा नहीं पाया।।

 ⚠️ इस रचना का उद्देश्य किसी धर्म, जाति, समुदाय की भावनाओ को आहत पहुँचाना नही
अपितु प्रेंम और सौहार्द की भावना को जगाना है।। ❤️

लिखूंगा तो मैं, क्योकि
मैं आज़ाद हूँ, नाम से भी, संविधान से भी।।

 Article 19(1) 
 Right to freedom of Speech and Expression. वह तो पागल था,
गलियों में टहलता वह
कभी मंदिर जाता,
तो कभी मस्जिद चला जाता
पागल कहकर,
उसे हर कोई भगा दिया करता था, फिर भी
वह मुस्कुराता चुपचाप चला जाया करता था
क्योंकि, वह तो पागल था।
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    शीषर्क 👉 वह तो पागल था?
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दुःखी हूँ, थोड़ा सा सुना नहीं पाया,
शब्दो के भावों को समझा नहीं पाया।।

 ⚠️ इस रचना का उद्देश्य किसी धर्म, जाति, समुदाय की भावनाओ को आहत पहुँचाना नही
अपितु प्रेंम और सौहार्द की भावना को जगाना है।। ❤️

लिखूंगा तो मैं, क्योकि
मैं आज़ाद हूँ, नाम से भी, संविधान से भी।।

 Article 19(1) 
 Right to freedom of Speech and Expression. वह तो पागल था,
गलियों में टहलता वह
कभी मंदिर जाता,
तो कभी मस्जिद चला जाता
पागल कहकर,
उसे हर कोई भगा दिया करता था, फिर भी
वह मुस्कुराता चुपचाप चला जाया करता था
क्योंकि, वह तो पागल था।
azad3070605696251

Azad

New Creator

वह तो पागल था, गलियों में टहलता वह कभी मंदिर जाता, तो कभी मस्जिद चला जाता पागल कहकर, उसे हर कोई भगा दिया करता था, फिर भी वह मुस्कुराता चुपचाप चला जाया करता था क्योंकि, वह तो पागल था। #हाँमैंआज़ाद्हूँ #azad_ki_baatein