दिल की हर दुआ में माँगता हूँ तुम्हारी ख़ैरियत, माफ़ कर दो जितनी भी तुमसे की है शिकायत, हर इबादत में देखता हूँ बस तुम्हारी ही मुहब्बत, कुबूल है मुझे ज़िन्दगी भर की तुम्हारी आदत। ना यकीन तुम्हारे रूठने पर ना है कोई रिवायत, इंतज़ार कर गुज़रता है यादों में तुम्हारी ही आयत, इश्क़ में तुम्हारे फ़ना है ज़ान, ले लो मेरी शहादत, कुबूल है मुझे ज़िन्दगी भर की तुम्हारी आदत। सुबह-शाम हर रात जानने को तुम्हारी क़ैफ़ियत, खो चुका इश्क़ में खो चुका ख़ुद की असलियत, तुम्हारा साथ मिल सके बस इतनी सी है चाहत, कुबूल है मुझे ज़िन्दगी भर की तुम्हारी आदत। सज़दा है रब़ से सलामत रहे तुम्हारी मुमानियत, ना ग़म हो तुम्हें कभी भी सलामत रहे तबीयत, दे दो तुम मुझे अपने पाक़ इश्क़ की रियासत, कुबूल है मुझे ज़िन्दगी भर की तुम्हारी आदत। कुबूल है मुझे.... ज़िन्दगी भर की तुम्हारी आदत...!!! #yqpoetry #yqsong #yqghazal #yqhindi #yqurdu #yqdidi #yqbaba #dkchindi