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White ना कोई शायर दिखता है ना कोई शायरी दिखती है य

White ना कोई शायर दिखता है
ना कोई शायरी दिखती है
ये गमों के इस बाजार में
ना कही हसी दिखती है
ना हंसाने वाला दिखता है
हम ढूढने चले काफिर की तरह
ना मिला साहिल महफिल की तरह
मुक्कमल हम खुद से हो रहे है
इस जहां में खुद को ढो रहे है
अभी तन्हाई थी खुद से खुद की
ना वो मिला मंजिल की तरह
ना हम मिले मोहलत की तरह ।।

©Sunil Singh
  #sad_shayari 
Na koi shayar dikhta hai.
#poetry #new  {•Ñådåñ•√} shabnur Sudha Tripathi Dhanraj Gamare Anupriya