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पथरीले रास्ते पर पथरीले रास्तों पर बढ़ती जा रही हू

पथरीले रास्ते पर पथरीले रास्तों पर बढ़ती जा रही हूँ 
मैं उबड़ खाबड़ रास्तों पर चलने की 
आदी जो हो गई हूं, 
यही मेरी नियति है यही मेरी मंज़िल है
मैं देश की रक्षक पर्वत मालाओं में 
कहीं खो रही हूँ 
सर्पीली पगडन्डियों पर हिचकोले
खाती ज़िन्दगी, 
रुकने नहीं देती जीवन की गति को. 
मैं पन्थी अवरोधों में राह बनाती हूँ, 
मरुस्थल हों या नदियाँ -पर्वत 
विखरें हों शूल फिजाओं में, 
गति बढ़ती जाती पग में छाले पड़ने से 
दर्द बढ़ने की राह दिखाता है. 
गतिरोध बिना प्रगति नहीं संभव 
दर्द बिना सुख का आभास नहीं 
श्रृंगार वीर का  शस्त्रों से होता 
फूलों से सजती मांग नहीं. 
जीवन की गाड़ी निर्भीक बढ़ रही 
पथरीली विशाल निर्जन राहों पर 
जीवन का लक्ष्य स्वर्ग सा अनुभव 
सब कुछ मिल जाता यहीं चलते हुए पथरीले राहों पर.. #Roads चला चल कमांडर पथरीली राहों पर..
पथरीले रास्ते पर पथरीले रास्तों पर बढ़ती जा रही हूँ 
मैं उबड़ खाबड़ रास्तों पर चलने की 
आदी जो हो गई हूं, 
यही मेरी नियति है यही मेरी मंज़िल है
मैं देश की रक्षक पर्वत मालाओं में 
कहीं खो रही हूँ 
सर्पीली पगडन्डियों पर हिचकोले
खाती ज़िन्दगी, 
रुकने नहीं देती जीवन की गति को. 
मैं पन्थी अवरोधों में राह बनाती हूँ, 
मरुस्थल हों या नदियाँ -पर्वत 
विखरें हों शूल फिजाओं में, 
गति बढ़ती जाती पग में छाले पड़ने से 
दर्द बढ़ने की राह दिखाता है. 
गतिरोध बिना प्रगति नहीं संभव 
दर्द बिना सुख का आभास नहीं 
श्रृंगार वीर का  शस्त्रों से होता 
फूलों से सजती मांग नहीं. 
जीवन की गाड़ी निर्भीक बढ़ रही 
पथरीली विशाल निर्जन राहों पर 
जीवन का लक्ष्य स्वर्ग सा अनुभव 
सब कुछ मिल जाता यहीं चलते हुए पथरीले राहों पर.. #Roads चला चल कमांडर पथरीली राहों पर..