पल्लव की डायरी सजा के थाली में हर साल बजट आता है सरकारों के हिसाब किताब आम मतदाता समझ नही पाता है रोज डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाते है सिलेंडरों के दाम आसमान चढ़ जाते है महँगाई से जूझते रोज हम बीच बीच मे क़ई चीजो के दाम बढ़ जाते है फिर बजट का नाटक क्यो किया जाता है पिछले सालों के वायदे पूरे नही नया नाटक कर जनता को भरमाया जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" नया नाटक कर जनता को भरमाया जाता है #Budget2021