इन्सानियत का पता चल गया चारो तरफ़ दंगा सा चिढ गया आरक्षण का कैसा यह माहोल हुआ कल तक भाई आज का दुश्मन बन गया... भाई सब आज हिंसा पर उतर आए इज्जत का नकाब सब सडको पर उतार आए कैसा यह महोल पेॆदा कर दिया सब लोग आज हिंसा पर उतर आए...!! By :-Akshita jangid (Poetess) ###आरक्षण का माहोल ###