उसकी मासूम सी हँसी कहीं खो गयी है वोह छोटी लड़की अब बड़ी हो गयी हैं घर की ज़िम्मेदारी में कुछ ज़्यादा मशगूल हो गयी है उसकी अपनी पहचान अपनी मुस्कान कहीं खो गयीं हैं क्यों एक लड़की को लड़के का स्थान नहीं दे सकते क्यों एक लड़की सिर्फ घर की हो कर रह गयी है उसमे कोई शक नहीं हर जगह लड़कियों लड़को से आगे है क्या हमारी दुनिया हमारी ज़िंदगी इस बात से डर गयीं हैं 🌼🌼💗🌼🌼💗🌼🌼💗🌼🌼💗🌼🌼💗 ©Sethi Ji एक औरत का दूसरा नाम बलिदान है आज खुद से पूछिए , आपके दिलों में उनके लिए क्या स्थान है ।। मैं कोई इलज़ाम नहीं लगा रहा , ऐसा बिल्कुल मत सोचना अगर मौका मिले , औरत हर काम में आदमी के सामान हैं ।।