Nojoto: Largest Storytelling Platform

# हिन्दी उर्दू साहित्य# _&&&&&&&& मुक़द्दर है तेर

# हिन्दी  उर्दू साहित्य#
_&&&&&&&&
मुक़द्दर है तेरा इसको तो खुद तुझको ही लिखना है ।             भगवान इसमें  कुछ भी अब लिखने नआयेगा। 
अगर किस्मत भरोसे बैठा है तो बैठे रहना तू 
सदा रोता रहेगा तू कभी कुछ कर न पायेगा।। 
खुदा को जो भी देना था तुझे वह दे दिया पहले । 
अगर उसके भरोसे हैं समझ ले डूब जाएगा।।
तेरी कोशिश तुझे करनी जो मंजिल पर पहुंचना है । 
ए राही चल अकेला ही कारवां बन ही जाएगा।। 
तेरी राहों में पत्थर हैं लगा फिर ठोकरें उनको। 
वही पत्थर तेरी मंजिल पे तुझ को ले के जाएगा।। 
भरोसा खुद पर करना तो जमाने का भरोसा क्या। 
तू जब मंजिल पर पहुंचेगा जमाना साथ आएगा। 
जिंदगी खूबसूरत है नहीं बेजार हो जाना। 
जिगर में हौसला है तो फलक कदमों में आएगा। । 
एहद कर  ले ओ चुन राहें बड़ा हिम्मत से कदमों को। 
तेरे कदमों में मंजिल हो वो दिन भी जल्द आएगा
             ।।आशुतोष अमन।। 🙏🙏🙏🙏🙏
              _____&&&&&&&

©Aashutosh Aman.
  मुकद्दर।

मुकद्दर। #कविता

194 Views