ना शाम की ख़बर ना सुबह की ख़बर है मेरे दिल की सिर्फ़ तुम पर ही तो नज़र है रफ़्ता रफ़्ता चलता है पीछे तेरे दिल मेरा सिर्फ़ तेरे ही ख्यालों में खोया है दिल मेरा तेरी अदाओं का दीवाना हूँ, मतवाला हूँ फूल की कली तू मैं मंडराता भँवरा हूँ कहते है आवारा,पागल और बंजारा मुझे तेरी यादों में भटकता हुआ मुसाफ़िर मुझे ना दुनिया की फ़िक्र है ना किसी का बंधन प्रेम तुमसे है सिर्फ़ तुमसे मेरे प्यारे साजन ♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।