क्या कोई मुझे बताएगा कि ये रास्ता तेरी ओर जाएगा या कहीं ओर जाएगा तलाश में तेरी अब थक चुकी हूँ मैं ऐ मेरे ख़ुदा मुझे कब तक ऐसे सताएगा बहुत हो चुका ये अजनबियों के शहर में रहना मुझे अब बस अपनी इसी मंजिल की तलाश है और क्यूँकी वो मंजिल तुझ तक ही जाती है तो मुझे वहाँ ले जाने की अब बस तुझसे ही आस है अब बस तुझसे ही आस है ।। ©Adv Nimbriya #rashta #lakshya #manzil #Nojoto #Khuda #God #Bhagwan #Waqt #january #safar sunayana jasmine