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बिखर जानी थीं सब यादें ख्वाबों को टूट जाना था नह

बिखर जानी थीं सब यादें 
ख्वाबों को टूट जाना था 
नहीं मिलनी थी राहों को मन्ज़िलें
कदमों को पत्थरों से टकराना था
टूट जाना था लम्हा लम्हा 
और फिर भी मुस्कुराना था
प्यास की सूरत नहीं बदलनी थी
सो बादलों को यूंही गुज़र जाना था
रहगुज़र जो तुम तक जाती थी
चलते चलते उसे छूट जाना था
कितने हस्सास थे ख्वाब मेरे
उन्हें ख्वाब ही रह जाना था
नहीं रखनी थी कोई उम्मीद किसी से
रख ली तो फिर क्या जताना था. #smilewithtears
बिखर जानी थीं सब यादें 
ख्वाबों को टूट जाना था 
नहीं मिलनी थी राहों को मन्ज़िलें
कदमों को पत्थरों से टकराना था
टूट जाना था लम्हा लम्हा 
और फिर भी मुस्कुराना था
प्यास की सूरत नहीं बदलनी थी
सो बादलों को यूंही गुज़र जाना था
रहगुज़र जो तुम तक जाती थी
चलते चलते उसे छूट जाना था
कितने हस्सास थे ख्वाब मेरे
उन्हें ख्वाब ही रह जाना था
नहीं रखनी थी कोई उम्मीद किसी से
रख ली तो फिर क्या जताना था. #smilewithtears
shumaila3662

Shumaila

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