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ज्ञान की राहों मे अक्सर मुक ही बलिदान है, वो कहीं

ज्ञान की राहों मे अक्सर मुक ही बलिदान है, 
वो कहीं बंदर, कहीं चूहा कहीं इंसान है, 
जो कहे फिरते है ये एक मात्र ही आधार है, 
विज्ञान से कुछ फायदे, बाकी करे व्यापार है। 
औषधि का कार्य है जीवो में प्राण फुकना, 
फिर कहीं ट्रायल बहाने जिंदगी दुस्वार है। 
है सुना मैंने कहीं हथनी कि की थी दुर्गति, 
और जिन जीवों के हिस्से मे धरे प्रयोग थे, 
चालीस दिन की साँसे, चार दिन मे चल बसी। 
मौत उनकी जब हुई, इंसान को मिली प्रगति!
मैं ये नही कहती की उद्धार ना हो, 
अगर मिला हो लाशों की सेज पर, 
ऐसी तरक्की का सरोकार न हो।

©Trisha09 #animalcruelty #experiment #hindi_poetry #nojotohindi #hindikavita #Science #experiments #animalabuse
ज्ञान की राहों मे अक्सर मुक ही बलिदान है, 
वो कहीं बंदर, कहीं चूहा कहीं इंसान है, 
जो कहे फिरते है ये एक मात्र ही आधार है, 
विज्ञान से कुछ फायदे, बाकी करे व्यापार है। 
औषधि का कार्य है जीवो में प्राण फुकना, 
फिर कहीं ट्रायल बहाने जिंदगी दुस्वार है। 
है सुना मैंने कहीं हथनी कि की थी दुर्गति, 
और जिन जीवों के हिस्से मे धरे प्रयोग थे, 
चालीस दिन की साँसे, चार दिन मे चल बसी। 
मौत उनकी जब हुई, इंसान को मिली प्रगति!
मैं ये नही कहती की उद्धार ना हो, 
अगर मिला हो लाशों की सेज पर, 
ऐसी तरक्की का सरोकार न हो।

©Trisha09 #animalcruelty #experiment #hindi_poetry #nojotohindi #hindikavita #Science #experiments #animalabuse