दोहा गजल *** सत्य वचन ये मानिये ,असली धन है ज्ञान। लिप्त हुआ अभिमान जो,होये गरल समान ।। दीप जला जो ज्ञान का,रोशन सब जग होय। जन जन का कल्याण हो,रखिये इसका ध्यान ।। दूषित मन की स्वच्छता, करती दूर विकार। मर्म समझ त्यौहार का,रखना होगा मान।। श्रेष्ठ दान है ज्ञान का ,कहते वेद पुराण । करिये जीवन में सदा ,असली धन का दान।। अंतस की बाती बना ,तेल समर्पण डाल। दीप अवलि बन कर जलें,ऐसा हो अभियान।। #ज्ञान#दीप#कविता