ये आज कल के लिख रहे हैं जैसे कुछ मीठी बाते, जैसे ज्वाला को भी लिख रहे हैं लेते खराटे, इनकी बातों में नहीं होती कभी भी कोई बात नई, मैं तो छिट दु स्याही काग़ज़ पे वो भी है बहुत सही।। ये राम_नाम_श्याम!करके कभी भी कविता नहीं बनती, पूर्ण अनुभव का दर्द डालो और फ़िर बनादो पंक्ति, यहां तीसरी से तीस सब्द तीस तरह से लिखते थे, ये रात वाले बासी 🤒बास लायक कुछ भी लिख देते कलम को घिसने से_ तू घिस ले कुछ और**अच्छा🤣 लिख यहां पे सच बाकी वैसे भी तू बहुत है कच्चा, और ले रहा तु नाम भारी ..तो मुंह पे बोलना सीख ले बाकी इज्जत बची है तो 💩 आगे चलकर बेज़ती की भीख ले, गाली तेरे पंक्तियों में_तो शब्द मेरे जैसे कालिक ले 🌚 #Buddha_purnima #hate #diss