रानी कर्णावती दरबार में मुगल आया है, संदेशा वो लाया है, गुलामी या मौत चुनने को बतलाया है, हैं वीर बड़े हमारे शाह जहान, उनका नाम है नहीं कहां, अनगिनत सैनिक है उनके, तुम हो बस झाड़ू के तिनके, हमारी फूक से ही उड़ जाओगे, तुम २ दिन भी ना टिक पाओगे, या तो मर्जी से मान गुलामी अपनाओ, या फिर तलवारों से कट जाओ, पर एक बात निश्चित होगी, तुम्हारी रानी हमारे हरम होगी। सुन ये हर एक के मन में ज्वार उठा, काट दो फन जो नाग उठा रहा, पर सब ख़ामोश रानी को देख रहे, गुस्से में मुठ्ठी भिच रहे, रानी की आंखो में क्रोध था झलका, स्वर उनका जैसे दावानल सा। रानी कर्णावती बोली कह दो अपने सेनानायक से, ए मुगल किसे डराते हो, किसपर तुम रोब जमाते हो, ये धरा है, गीता पुराणों की, ये धरा है, शिव दीवानों की, ये धरा है जहां पर देव रहें, श्री हरी, ब्रह्मा यहां निवेश करें, ये देव भूमी है ओ पापी, यहां गलती की ना माफी, देवों से बड़ी यहां देवी है, देख रणचंडी अभी सोई है, मत कर भूल, ना जगा उसे, जा लौटो उस पथ जिस पथ तुम आन पड़े, तू सोचे लाखों आएंगे और हमें जीत ले जाएंगे, ले आ चाहे सारे मुगल, या ले आ सारा भूतल, इस वृहद विश्व का सब कुछ ले आ, पर तू हमें डिगा ना पाएगा, मुझे छुना तो दूर तू अपनी नाक बचा ना पाएगा।। Rani Karnavati The Queen who defeated Mugals... #RaniKarnavati