मैं संविधान हूँ..... मैं संविधान हूँ भारत का, मुझे अपने संवैधानिक नियमों पर अभिमान है, मैं संविधान हूँ, मैं भारत की शान, दुनियाँ में सबसे विशाल और महान हूँ। 26 नवंबर 1949 को मुझको अंगीकृत, अधिनियमित व आत्मार्पित किया, 26 जनवरी 1950 को देश में लागू होकर मैंने देश को गौरवान्वित किया। मैं जाति धर्म का भेद नहीं मानता मैंने सबको समता का दिया अधिकार है, मैंने सभी को बराबरी का मौका दिया है अब कोई नहीं यहाँ पर लाचार है। मैंने ही विचारों,अभिव्यक्ति,विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता दी है, मुझमें ही प्रतिष्ठा संग अवसर की समता, राष्ट्र की एकता और अखंडता है। मुझमें ही भारत को अखंड ,संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, पंथनिरपेक्ष के साथ-साथ समाजवादी और लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने की भी अपार क्षमता है। क्या करना है और क्या नहीं करना है मैं ही सारे सवालों का जवाब देता हूँ। मैं सौगातों की सौगात हूँ, मैं ही अनगिनत अधिकारों का अनमोल उपहार हूँ। #shabd_watika #राष्ट्रीय_पर्व_26जनवरी_paid #nayi_kalam #urdu_hindi