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नि:शब्द पड़े हैं शब्द मेरे क्या मैं लिखूं माँ की प

नि:शब्द पड़े हैं शब्द मेरे
क्या मैं लिखूं माँ की परिभाषा।
थाम लेखनी जब मैं बैठूं
कम पड़ जाए कोरा कागज़ 
ऐसी है माँ की मोहब्बत की गाथा।।

सांसों की हर डोर में समाई
दुआओं की बरकत सी है माँ।
मोल नहीं माँ की मोहब्बत का
अपने संतानों की खुशी के खातिर 
हर दु:ख सह जाती ऐसी है माँ।। ♥️ Challenge-563 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ Happy Mother's Day ♥️

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।
नि:शब्द पड़े हैं शब्द मेरे
क्या मैं लिखूं माँ की परिभाषा।
थाम लेखनी जब मैं बैठूं
कम पड़ जाए कोरा कागज़ 
ऐसी है माँ की मोहब्बत की गाथा।।

सांसों की हर डोर में समाई
दुआओं की बरकत सी है माँ।
मोल नहीं माँ की मोहब्बत का
अपने संतानों की खुशी के खातिर 
हर दु:ख सह जाती ऐसी है माँ।। ♥️ Challenge-563 #collabwithकोराकाग़ज़

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nirajkumar5911

Niraj Kumar

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