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कल वो थी, तो कद्र नहीं की उनकी; आज उनकी याद में आं

कल वो थी, तो कद्र नहीं की उनकी;
आज उनकी याद में आंसू बहा रहे हो।

खुद ही कहा था,जाओ अब इश्क़ नहीं तुमसे;
आज उनको पुराने कसमो की याद दिला रहे हो।

मैं ये नहीं कह रहा कि तुम्हें प्यार नहीं उनसे;
तुम बस गुरूर को प्यार से ऊपर बता रहे हो।

जब जानते हो, कि एक हद होती है उम्मीदों की;
फिर तुम क्यों हद से ज्यादा उम्मीद लगा रहे हो?

तुम या तो मूर्ख हो, या नादान हो प्रतीक;
आपने हाथों से अपने घर को आग लगा रहे हो। #nojoto#poem#sad#love#guilty#remorse
कल वो थी, तो कद्र नहीं की उनकी;
आज उनकी याद में आंसू बहा रहे हो।

खुद ही कहा था,जाओ अब इश्क़ नहीं तुमसे;
आज उनको पुराने कसमो की याद दिला रहे हो।

मैं ये नहीं कह रहा कि तुम्हें प्यार नहीं उनसे;
तुम बस गुरूर को प्यार से ऊपर बता रहे हो।

जब जानते हो, कि एक हद होती है उम्मीदों की;
फिर तुम क्यों हद से ज्यादा उम्मीद लगा रहे हो?

तुम या तो मूर्ख हो, या नादान हो प्रतीक;
आपने हाथों से अपने घर को आग लगा रहे हो। #nojoto#poem#sad#love#guilty#remorse