पल्लव की डायरी एक तरफा ये दौर किस करवट बैठेगा फूलो के कत्ल कर काँटो को कब तक चूमेगा जश्न बीमारियों के सजाकर जो बैठे है उनका तिलश्मी जादू कब तक चमकेगा आगोश में लेके जिंदगी कितनो को सजाकर कब्रो में भेजेगा लॉक लॉक के खेल में सबको अधमरा करके छोड़ेगा तैरती लाशो पर जो नही हुआ शर्मिंदा वो इंसानियत को कहा पर जाकर छोड़ेगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" वो इंसानियत को कहा पर जाकर छोड़ेगा #CalmingNature