ढलती पलक की ठहरी हुई बेचैनियां कैसे कहूं बहके ख़्वाबों की मासूम सी नादानियां कैसे कहूं कहो कि आएं और सम्हालें वो ख़ुद ये दिल अपना बदल ले गए बातों बातों में मिरा दिल तहरीर किसको दूं रात दिन की ये गफलत और ये दुश्वारियां किससे कहूं कहो कि आएं और सम्हाले आंखों में ये कांच का सपना ये दास्तां पानी की और ये लचारियां कैसे कहूं #toyou #yqlife #dreamsoffoam #yqtoroam #yqfaith #yqvoid