!! खुदा का शुक्र है मुझ पर खुदा की मेहरबानी है!! !!मेरी आँखों में बाकी आज भी गैरत का पानी है!! !!किसी भी गम ज़दा के गम को अपना गम बना लेना!! !!मेरी अपनी नहीं आदत ये आदत खानदानी है!! !! ये दुनियाँ है यहाँ अच्छे बुरे दोनों ही शामिल हैं!! !! कि दुनियाँ को हमें हमको ये दुनियाँ आजमानी है!! !! तजुर्बे के लिए तुम रू ब रू इक आईना रक्खो!! !! करो फिर फैसला तोहमत हमें किसपे लगानी है!! !! चलो माना हकीकत है बहुत बेज़ार हूँ लेकिन!! !! मैं कैसे दर गुज़र कर दूँ ये मेरी ज़िन्दगानी है!! !! फकत ततबीर पर ही मैं भरोसा कर नहीं सकता!! !!मेरी तकदीर का हर फैसला तो आसमानी है!! !! परीशां हूँ ये मेरा जिस्म बूढ़ा हो गया लेकिन!! !! मेरे जज़्बात ओ हसरत में अभी बाकी जवानी है!! !! मुहब्बत में लगाई ज़िंदगी भी दाँव पर अपनी!! !! मुझे मालूम थोड़ी था की बाज़ी हार जानी है!! !! मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा!! !! खुदा का शुक्र है मुझ पर खुदा की मेहरबानी है!! !!मेरी आँखों में बाकी आज भी गैरत का पानी है!! !!किसी भी गम ज़दा के गम को अपना गम बना लेना!! !!मेरी अपनी नहीं आदत ये आदत खानदानी है!! !! ये दुनियाँ है यहाँ अच्छे बुरे दोनों ही शामिल हैं!! !! कि दुनियाँ को हमें हमको ये दुनियाँ आजमानी है!!