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वो मसरूफ़ रहा किसी और से बात करने में मेरा जनाजा

वो मसरूफ़ रहा किसी और से बात करने में 

मेरा जनाजा उनके गली से गुज़र गया 

ये मोहब्बत भी क्या चीज़ बनाया तूने या रब 

कमबख्त जिसने भी किया वो अन्दर ही अन्दर 

मर गया



 उफ़ ये मोहब्बत
कमबख्त जान ले लेती है
वो मसरूफ़ रहा किसी और से बात करने में 

मेरा जनाजा उनके गली से गुज़र गया 

ये मोहब्बत भी क्या चीज़ बनाया तूने या रब 

कमबख्त जिसने भी किया वो अन्दर ही अन्दर 

मर गया



 उफ़ ये मोहब्बत
कमबख्त जान ले लेती है