झील जब शांत होगी, उसमें कोई लहरें नहीं होंगी। इसी प्रकार मन भी एक झील की भांति ही है, जब वह बाहर से प्रभावित होता है तो लहरें उठती हैं सुख और दुख की और जब हमारा मन बाहर से प्रभावित नहीं होता। तब उस स्थिति का नाम आनंद है। आनंद बाहर का अनुभव न होकर अपना अनुभव है। #Relationships