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कहे कोई की ये लड़कियां संभल कर चलती नहीं हैं, दर्द

कहे कोई की ये लड़कियां संभल कर चलती नहीं हैं,
दर्द तुम दो चाहें जितना कि ये बदलती नहीं हैं।
किताबों में रखकर गुलाब को भी संभाल कर रखती हैं,
कैसे मान लूं मैं  कि लड़कियां संभल कर चलती नहीं हैं?

©Nripesh Shukla #girls #Attitude 

#Books
कहे कोई की ये लड़कियां संभल कर चलती नहीं हैं,
दर्द तुम दो चाहें जितना कि ये बदलती नहीं हैं।
किताबों में रखकर गुलाब को भी संभाल कर रखती हैं,
कैसे मान लूं मैं  कि लड़कियां संभल कर चलती नहीं हैं?

©Nripesh Shukla #girls #Attitude 

#Books