आयतों में रोज़ पढ़ा है तुझे बड़ी शिद्दत से नमाज़ें अता की है मैंने एक ख़्वाब जो तेरे साथ का देखा था उसको हक़ीक़त बनाने के लिए न जाने क्या क्या क़ीमतें अता की हैं मैंने। आयतें