कभी सोचता हूँ कि मैं कौन हूँ? क्या है मेरी पहचान, क्या है मेरा वजूद? ईजाज़ अहमद "पागल" मेरी नयी रचना, कभी सोचता हूँ कि मैं कौन हूँ? क्या है मेरी पहचान, क्या है मेरा वजूद क्यूँ किसी इक ख़ास लड़की से मुझे बेइन्तेहा मुहब्बत है? क्यूँ दूसरी लड़कियों को मैं हवस भरी निगाहों से देखता हूँ?