सुहानी इस शाम में, कोई दीप जलाए बैठा है | कहता है दिल मेरा, कोई दिन को रात और रात को दिन बनाए बैठा है | दिल के हर मंसूबे से, दिल की इस जलन को, आग लगाए बैठा है || ©sakshayer suhani sham #SAD