हर ग़ज़ल मेंं मेरी , ख़ुशबू है तेरी हर हर्फ़ मेरा , तेरा अफ़साना सा लगता है हर सांस से phle , तेरा नाम है लबों पर हर धडकन मेरी तेरा फ़साना सा लगता है है इल्म मुझें ये , तुझ पर ह्क बस मेरा है जाने क्यूं प्यार तेरा फ़िर दिखावा सा लगता है हर जुबां पे जाने क्यूं जिक्र है तेरा हर कोई मुझसे अब बेगाना सा लगता है नकाब ओढ़े हर चेहरा यहां हर कोई तेरा दीवाना सा लगता है शामिल है तू मुझमें रुह की trh फ़िर क्यूं तेरा प्यार एक छलावा सा लगता है हर ग़ज़ल मेंं मेरी , ख़ुशबू है तेरी हर हर्फ़ मेरा , तेरा अफ़साना सा लगता है हर सांस से phle , तेरा नाम है लबों पर हर धडकन मेरी तेरा फ़साना सा लगता है है इल्म मुझें ये , तुझ पर ह्क बस मेरा है जाने क्यूं प्यार तेरा फ़िर दिखावा सा लगता है