मेरे प्रेम के डाल पर खिलता गुलाब हर रोज़ वो लाल रंग मेरे प्रेम की जो मन को करे विभोर एक भँबरा आता मेरे आँगन में हर रोज़ जो देख मेरी कोमल पंखुड़ियों को हो जाता चितचोर ढूँढ ढूँढ मैं थक जाती ना जाने मुझे देख क्यूँ छुप जाता वो चोर वो समझता ही नहीं बस उसके लिए है मेरे सुन्दर कोमल फुल!! 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०३ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।