जीने का राज मैंने मुस्कुराहट में पा लिया जिसका भी मिला दर्द उसे अपना बना लिया, सुनने वाला ना मिला जब कोई दास्तान-ए-गम मेरा आईना सामने रख खुद को ही सुना लिया,