Nojoto: Largest Storytelling Platform

पुण्यतिथि पुण्यतिथि के संबंध में गीता में विस्तार

पुण्यतिथि पुण्यतिथि के संबंध में गीता में विस्तार से चर्चा की गई है गुण अतिथि का सगाई का अर्थ है गुणों से परे भारतीय दर्शन में 3 गुणों का उल्लेख यह सत्व रज और तम यही तेरे गुण समस्त सृष्टि के आधार और संचालक है इसलिए यह संकल्प सृष्टि त्रिगुणात्मक है सत्व गुण सुख एवं ज्ञान का प्रदाता है जबकि रजोगुण और तमोगुण दुख का ज्ञान और मोह के कारण है यद्यपि में उनका न्यूज़ अधिक भाव दिखा जा सकता है किसी व्यक्ति में सत्व गुण का तो किसी में राज बोर्ड का और तमोगुण का प्रधान होता है इसलिए सभी प्राणियों के स्वभाव और प्रवृत्तियों में अंतर भी दृष्टिगोचर होता है सत्व गुण वाले लोग प्रशांत जबकि रजोगुण तमोगुण प्रधान लोग उग्र स्वभाव के होते हैं इसलिए सुखद जीवन यात्रा के लिए शास्त्रों में गुण अतिथि देने की बात कही गई है सुख-दुख मानअपमान शत्रु मित्र और मिट्टी के ढेले एवं स्वर्ण आदि ने सम्मान रहने वाला समुद्र से व्यक्ति पुण्यतिथि के लाता है सृष्टि के सफल संचालन अर्थ दुनिया के सबसे प्राचीनतम ग्रंथ वेद भी क्षमता का उद्घोष करते हैं ऋग्वेद में भी कई मंत्रों में कहा गया है कि हमारे भाव विचार समान हो मंत्रियों समान हो हम अपने राष्ट्रीय संकल्प के यज्ञ एवं सम्मान भाव विचारों की आहुतियां संप्रेषित करें भाई भाई आपस में द्वेष ना करें सभी एक दूसरे को मित्र की दृष्टि से देखें यह संभव प्राकृतिक मेरे दोस्त गोचर होता है उदाहरणार्थ सूर्य सभी को समान भाव से प्रकाशित देता है नदिया सभी को एक समान जल देती है पेड़ पौधे सभी को समान रुप में प्राण भाइयों और फल प्रदान करते हैं सृष्टि का कण-कण क्षमता का पाठ पढ़ाता है जैसे देश के लोग समान भाव विचार के साथ सदा आगे बढ़ते हैं बढ़ते हैं वहीं राष्ट्रीय सबल बनता है रास्ते में सर्वत्र सुख शांति एवं समृद्धि का साम्राज्य होता है आइए इस समय तत्व बुद्धि के साथ हम सब अपने राष्ट्रीय को सफल और समृद्ध बनाएं उसी में हम सभी का हित निहित है

©Ek villain #Gudar_ta_dwarra_khwandy 

#OneSeason
पुण्यतिथि पुण्यतिथि के संबंध में गीता में विस्तार से चर्चा की गई है गुण अतिथि का सगाई का अर्थ है गुणों से परे भारतीय दर्शन में 3 गुणों का उल्लेख यह सत्व रज और तम यही तेरे गुण समस्त सृष्टि के आधार और संचालक है इसलिए यह संकल्प सृष्टि त्रिगुणात्मक है सत्व गुण सुख एवं ज्ञान का प्रदाता है जबकि रजोगुण और तमोगुण दुख का ज्ञान और मोह के कारण है यद्यपि में उनका न्यूज़ अधिक भाव दिखा जा सकता है किसी व्यक्ति में सत्व गुण का तो किसी में राज बोर्ड का और तमोगुण का प्रधान होता है इसलिए सभी प्राणियों के स्वभाव और प्रवृत्तियों में अंतर भी दृष्टिगोचर होता है सत्व गुण वाले लोग प्रशांत जबकि रजोगुण तमोगुण प्रधान लोग उग्र स्वभाव के होते हैं इसलिए सुखद जीवन यात्रा के लिए शास्त्रों में गुण अतिथि देने की बात कही गई है सुख-दुख मानअपमान शत्रु मित्र और मिट्टी के ढेले एवं स्वर्ण आदि ने सम्मान रहने वाला समुद्र से व्यक्ति पुण्यतिथि के लाता है सृष्टि के सफल संचालन अर्थ दुनिया के सबसे प्राचीनतम ग्रंथ वेद भी क्षमता का उद्घोष करते हैं ऋग्वेद में भी कई मंत्रों में कहा गया है कि हमारे भाव विचार समान हो मंत्रियों समान हो हम अपने राष्ट्रीय संकल्प के यज्ञ एवं सम्मान भाव विचारों की आहुतियां संप्रेषित करें भाई भाई आपस में द्वेष ना करें सभी एक दूसरे को मित्र की दृष्टि से देखें यह संभव प्राकृतिक मेरे दोस्त गोचर होता है उदाहरणार्थ सूर्य सभी को समान भाव से प्रकाशित देता है नदिया सभी को एक समान जल देती है पेड़ पौधे सभी को समान रुप में प्राण भाइयों और फल प्रदान करते हैं सृष्टि का कण-कण क्षमता का पाठ पढ़ाता है जैसे देश के लोग समान भाव विचार के साथ सदा आगे बढ़ते हैं बढ़ते हैं वहीं राष्ट्रीय सबल बनता है रास्ते में सर्वत्र सुख शांति एवं समृद्धि का साम्राज्य होता है आइए इस समय तत्व बुद्धि के साथ हम सब अपने राष्ट्रीय को सफल और समृद्ध बनाएं उसी में हम सभी का हित निहित है

©Ek villain #Gudar_ta_dwarra_khwandy 

#OneSeason
sonu8817590154202

Ek villain

New Creator