(85) जिसके कहने से वो मुझसे दूर हो गए वो कसूरबार थें जो बेकसूर हो गए... उन जख्मों पर मैं मरहम क्यों लगाऊं जो ज़ख्म मेरे अब नासूर हो गए. ©Mohd Asif (Genius) #asifgenius