कयामत का दिन किसने देखा, चलो आज ही मुलाकात कर लेते हैं, ना बोलो एक भी शब्द, चुप रह कर ही अल्फ़ाज़ सुन लेते हैं तुम्हें आसमां की चाहत है, दिल की जमीन तुम्हें माना, आज फिर से आशिया बनाने की बात करते हैं गुमगश्ता तो रह लिए एक दुसरे से बहुत, चलो आज आईने से बात कर लेते हैं ©Mona Pareek # kayaamat