गहरे ज़ख्म भर भी जाए, तुम कुरेदना बंद करो, इस दर्द के दरिया मे, अब डुबकी लगाना बंद करो। दो शरीरों के मिलने से क्या इश्क मुकम्मल होते हैं, उनकी यादों में जिंदगी को तोड़ना मरोड़ना बंद करो। #इश्क #bandkaro गहरे ज़ख्म भर भी जाए, तुम कुरेदना बंद करो, इस दर्द के दरिया मे, अब डुबकी लगाना बंद करो। दो शरीरों के मिलने से क्या इश्क मुकम्मल होते हैं, उनकी यादों में जिंदगी को तोड़ना मरोड़ना बंद करो। #vibrant_writer कलम बोल रही हैं.... #pritliladabar #with_rituraj #YQbaba #YQdidi #YourQuoteAndMine