Nojoto: Largest Storytelling Platform

सिर की मुंडेरों पे ढांचे हैं बाल गिनती के गंजा हु

सिर की मुंडेरों पे ढांचे हैं बाल गिनती के
 गंजा हुआ मेरा तो कपाल मेरे राम जी 
मुझको कुढ़ाने के लिए  ही मेरी बुढ़िया
 ने रंगे काली मेहंदी से बाल मेरे राम जी 
लाडली बहू के साथ घर से वो निकली 
तो हुआ ऐसा जादुई कमाल मेरे राम 
जी बहू लगी सास जैसी सास लगी
 बहू जैसी आ गया मेरे मोहल्ले में 
भूचाल मेरे राम जी...
 -अल्हड़ बीकांनेरी

©VED PRAKASH 73
  #भूचाल