हे तिरलोकी सब के पालन हार भक्तो पर करते कृपा आपार जग जिस काल से भय भीत उस काल के भी महाकाल हो योगी योग अघोरी की साधना सन्यासियो का तप तेज हो प्रिय भस्म पर्वतों के वासी चंद्र जटा बिराजे जटाधारी हो तिरशूल धारी नाग नागेश्वर भोले नाथ रौद्र रूप धारी हो जग संघारक और नवीन हो देवो के देव श्री महादेव हो ✍️ #आशीष_गुप्ता