गर होता इश्क़ तो सब छोड़ के आती, वो बेड़ियां ज़माने की तोड़ के आती.... हम ही नादान थे जो सदाओं से दिल लगाते रहे, जो दिल लगता उसका भी, तो हवाओं का रुख मोड़ के आती, वो रिवाजों के बंधन तोड़ के आती....— % & #गर_होता_इश्क #बेड़ियां #बंधन_रिवाज #दिल #शायर_ए_बदनाम