मेरी पहचान वो नहीं जो लोगों को दिखती है बल्कि वो है जो सिर्फ एक ब्रह्मज्ञानी को दिखती है जी मैं वो हूँ जो लिबास पहना है मनुष्य का मगर अंश हूँ परम शक्ति का भेजा गया है मुझे इस लोक में कर्म निभाने को मगर भोग में गुम ध्यान कहाँ असली मालिक का ये तो रहमत हुई उस रहबर का जो आया लेकर वो अवतार सत्गुरु का फिर याद दिलाने हमें अपने अस्तित्व का जान लो प्यारे 'परी' अस्तित्व तुम भी अपना लेकर सहारा मेरे सच्चे सत्गुरु का ©Priyanka Pandit उर्फ़ Pari #nirankari #NirankariMission "परी" is my nick name for poetry🙏 #PoetInYou