साँझ साँझ का सूरज जब भी आये। नई सुबह की आस जगाए। जीवन पथ पे चलते ही जाना, हम सबको ये सीख दे जाए। चिंता में बैठो ही मत तुम, चिंतन में अविराम करो। अग्रसरित होने के खातिर, जीवन मे कुछ काम करो। संघर्ष बिना कुछ नहीं है मुमकिन, इसको तुम स्वीकार करो। #साँझ का #सूरज जब भी आये। नई #सुबह की #आस जगाए। #जीवन #पथ पे चलते ही जाना, हम सबको ये #सीख दे जाए। #चिंता में बैठो ही मत तुम, #चिंतन में #अविराम करो। #अग्रसरित होने के खातिर, जीवन मे कुछ काम करो।