अगर कही मैं होता नेता TV चालू कर घर सोता , सास बहू के नाटक मे थोड़ा मैं भी खोता , जनता को TV देखने की राय सुझोता बेरोजगारी कब से चली आ रही है सब पे भारी ऐसे बड़ती है जैसे हो कोई महामारी बेरोज गारी का भी पूरा होगा निदान सड़क किनारे सब लगा के ठेले बेचेगे पकवान पड़ लिखकर और कितने बनोगे महान पहले से अब और बड़ गई है ,मेरी बीबी कि डिमांड आखिर नेता हूं पूरी करनी होगी , बीबी की हर डिमांड चाँद मे सबको घर बनवा दूंगा , आखिर नेता हूं नेता का हक अदा करूंगा गांव गांव शहर शहर दूध की लाइन बिछवा दूंगा घर घर पानी के नल लगवा दूंगा हर गांव मे स्कूल बनवां दूंगा , अगर कम हो तो सौ चार सौ वादे और कर दूंगा, पड़े लिखो को डोर चरबाना सिखवा दूंगा AC चालू करके ,फिर आराम करूंगा नेता हूं ,नेता का हक आखिर अदा करूंगा "नेता जी"