झूठा नहीं सचा है जो ख्वाब लिखता हूं। में हर आँख के पानी का हिसाब लिखता हूं। मेरी शख्शियत को मेरे शब्दों से न तोलिएगा, में सौ समंदर पीता हूं तब एक तालाब लिखता हूं।। - फ़क़त उमेश #ख्वाब #आंख #पानी #समंदर #शख्शियत