महफूज़ न कही उसने महसूस किया है... महफूज...... बचपन की नोका-झोकी मे, बदमाशियो का खूब फितूर किया है, पर गैरत लगते हाथ उन मासूम गालो पर, महफूज न कही उसने महसूस किया है..... सहमने का भाव,समझ न थी तब,