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मेरी आंखों पर ठहरा उसने समुंदर नहीं देखा , मुस्कुर

मेरी आंखों पर ठहरा उसने समुंदर नहीं देखा ,
मुस्कुराता चेहरा देखा ,दिल के अंदर नहीं देखा 
और यूं तो मशहूर है  हंसी ,हमारी ज़माने भर में 
भीतर बैठा किसी ने तूफानी मंजर नहीं देखा ।

©Bhawna Sagar Batra
  #Glazing

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