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जीवन की इस अद्भुत लीला में किसी को हम गलत समझ बैठे

जीवन की इस अद्भुत लीला में
किसी को हम गलत समझ बैठे हैं और कोई हमें ।
जिसमें किसका नजरिया सही है कोई नहीं जानता
ना ही कोई अपनी गलती सुधारना चाहता,
ना ही किसी दूसरे को सुधारने देना चाहता है ।।
यहां एक दूसरे पर आरोप लगाना है आसान
लेकिन प्यार से मामला सुलझाना है उससे भी ज्यादा आसान ,
  हर बात पर नुस्ख निकालना है गलत
पर किसी की रूह को बेवजह दुखाना, है उससे भी ज्यादा गलत, 
 अपने से बड़ा हो या छोटा,
हर किसी को माफ करना ना भूलें
क्योंकि आज इंसान महफूज नहीं है ना ही उसकी खुशियां,
कोई एक दूसरे की खुशी नहीं देख सकता। 
अब इंसान इंसान नहीं एक मिट्टी का पुतला बन चुका है
जो खुद को गलत भावनाओं से तरासता है,
अब इंसान स्वार्थी बन चुका है ।
                                                —Shivangi Raturi #स्वार्थी_जीवन
By #Shivangi_Raturi
जीवन की इस अद्भुत लीला में
किसी को हम गलत समझ बैठे हैं और कोई हमें ।
जिसमें किसका नजरिया सही है कोई नहीं जानता
ना ही कोई अपनी गलती सुधारना चाहता,
ना ही किसी दूसरे को सुधारने देना चाहता है ।।
यहां एक दूसरे पर आरोप लगाना है आसान
लेकिन प्यार से मामला सुलझाना है उससे भी ज्यादा आसान ,
  हर बात पर नुस्ख निकालना है गलत
पर किसी की रूह को बेवजह दुखाना, है उससे भी ज्यादा गलत, 
 अपने से बड़ा हो या छोटा,
हर किसी को माफ करना ना भूलें
क्योंकि आज इंसान महफूज नहीं है ना ही उसकी खुशियां,
कोई एक दूसरे की खुशी नहीं देख सकता। 
अब इंसान इंसान नहीं एक मिट्टी का पुतला बन चुका है
जो खुद को गलत भावनाओं से तरासता है,
अब इंसान स्वार्थी बन चुका है ।
                                                —Shivangi Raturi #स्वार्थी_जीवन
By #Shivangi_Raturi