स्वतंत्रतादिवस और मैं गुलाम मुझ एकल को छोड़ सबन लोग-बाग खुशी मना रहे मुल्क के आजादी की, फिर मैं भला क्यों... अपनी हशरत-ए-इश्क़ में उसकी इश्कियायादों का गुलाम हूँ ? #हैप्पीक्रेअशन्स