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तुम उस अंधेरे से तो निकाल लाए थे मुझे फिर क्यूं उस

तुम उस अंधेरे से तो निकाल लाए थे मुझे
फिर क्यूं उस अंधेरे में धकेलने लगे हो

अब अपनी ही मोहब्बत के लिए समय नहीं मिलता या तुम भी हमसे अपना मतलब निकालने लगे हो

तुम तो कहते थे बहुत मोहब्बत है तुमको हमसे अब क्या हुआ लगता हैं तुम भी औरो की तरह अपनी मोहब्बत बदलने लगे हो

तुम्ही से तो जीने का सलीका सीखा था मैंने अब लगता हैं कि किसी और के ज़ुल्फो में मशरूफ रहने लगे हो

पहले तुमको हम खुद में देखने की कोशिश किया करते थे पर अब तो तुम भी गैर से लगने लगे हो



@AK #mohabbat #ishq #dard 
 #poetry
तुम उस अंधेरे से तो निकाल लाए थे मुझे
फिर क्यूं उस अंधेरे में धकेलने लगे हो

अब अपनी ही मोहब्बत के लिए समय नहीं मिलता या तुम भी हमसे अपना मतलब निकालने लगे हो

तुम तो कहते थे बहुत मोहब्बत है तुमको हमसे अब क्या हुआ लगता हैं तुम भी औरो की तरह अपनी मोहब्बत बदलने लगे हो

तुम्ही से तो जीने का सलीका सीखा था मैंने अब लगता हैं कि किसी और के ज़ुल्फो में मशरूफ रहने लगे हो

पहले तुमको हम खुद में देखने की कोशिश किया करते थे पर अब तो तुम भी गैर से लगने लगे हो



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 #poetry