धुंध तेरी यादों की, छ॔ट जाएगी इक दिन । उदासी इन फज़ाओं की, मिट जाएगी इक दिन। हुश्नो-जवानी पर , इतना न कर ग़ुरूर , मस्ती शोख़ अदाओं की , घट जाएगी इक दिन। वफा पे कर भरोसा , सच्ची है ग़र मोहब्बत, शक़-ओ-सुबहा की घटा भी, हट जाएगी इक दिन। सुर फूँक देगा क़यामत का, इक दिन जब ख़ुदा , रंगीनियाँ इस जहान की, लुट जाएँगी इक दिन। आया है जो वहाँ से , वो इक दिन जाएगा यहाँ से, डोली तो तेरी भी "फिराक़", उठ जाएगी इक दिन। धुंध तेरी यादों की, जिसमें खोए खोए हम... #धुंधयादोंकी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi