आत्मा और परमात्मा का सच्चा ज्ञान तभी होता है जब हमारा आत्मा प्रभु से एकाकार हो जाता है तब हमें ज्ञात होता है कि परमात्मा प्रेम के महासागर हैं हमारी आत्मा उनका अंश होने के नाते प्रेम है और प्रभु को पाने का माध्यम भी प्रेम ही है इस अनुभव के पश्चात हम समस्त प्राणी मात्र से प्रेम करने लगते हैं हमें ज्ञान हो जाता है कि प्रेम के आधार से ही जीवन संचालन हो रहा है ©Ek villain ज्ञान के माध्यम से ही जीवन संचालन हो रहा है